First Lok Sabha Phase Polling
2024 MP Lok Sabha Election की पहली चरण मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। दूसरी ओर, कई क्षेत्रों में चुनाव का बहिष्कार किया गया है क्योंकि कुछ समस्याएं सामने आई हैं। यहां वोटिंग के पहले तीन घंटे में सिर्फ चार वोट पड़े हैं।
डिंडोरी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है, लेकिन कई गांवों में चुनाव बहिष्कार की खबरें भी आई हैं। हालाँकि, चुनाव बहिष्कार वाले गांवों में अधिकारी लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
नदी पार कर वोट देने वाले मतदाता
यह बताया गया है कि शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मोहगांव के मतदाताओं ने नर्मदा नदी को पार कर दो किलोमीटर पैदल चलकर सलैया मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के लिए जाना पड़ा। मोहगांव सहित कई गांवों में मतदान को लेकर लोग बहुत उत्साहित थे। जहां लोकतंत्र के महापर्व में भाग लेने के लिए लोग सुबह से ही मतदान करने के लिए घर से निकल गए हैं और मतदान केंद्रों में भीड़ लगी हुई है। वास्तव में, मोहगांव में लगभग 300 मतदाता हैं, जो नर्मदा नदी को पार कर सलैया पोलिंग बूथ जाते हैं।
मोहगांव के ग्रामीणों ने लंबे समय से नर्मदा नदी पर पुल बनाने की मांग की है, लेकिन सरकार से लेकर अधिकारी तक किसी ने भी उनकी मांग नहीं सुनी।
इन ग्रामीण क्षेत्रों में चुनाव बहिष्कार
टिकरिया, सुनपुरी, लालपुर और उमरिया में चुनाव का बहिष्कार करने वाले मतदाताओं ने महत्वपूर्ण समस्या का सामना किया, जिसके कारण अधिकारी डटे हुए दिखे। लालपुर गांव के लोगों ने लंबे समय से स्कूल भवन, पुल निर्माण और सालों से बंद पड़ी नहरों को फिर से शुरू करने की मांग की थी. कुछ दिन पहले ही जिला निर्वाचन अधिकारी को चुनाव बहिष्कार करने का अल्टीमेटम भी दिया गया था। चुनाव बहिष्कार की खबरों के बीच कलेक्टर खुद लालपुर गांव पहुंचे, लेकिन ग्रामीण आज सुबह 8 बजे तक अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे।लेकिन अधिकारियों ने बताया कि लालपुर गांव में मतदान शुरू हो गया था।
मतदान केंद्र सुबह से खाली था
सुनपुरी गांव में भी जलसंकट से लगभग एक हफ्ते से लोग परेशान हैं. उन्होंने चुनाव बहिष्कार को लेकर बैनर पोस्टर भी लगाए, लेकिन इसके बावजूद उनकी समस्याएं हल नहीं हुईं। सुनपुरी गांव में जल जीवन मिशन योजना पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं और घरों में नलजल योजना के कनेक्शन भी दिए गए हैं, लेकिन नलजल योजना पिछले कुछ महीनों से बंद है। वहीं, मतदान केंद्रों पर भी चुनाव बहिष्कार का गुस्सा देखा गया। सुबह दस बजे तक, सुनपुरी मतदान केंद्र पर सिर्फ चार सरकारी कर्मचारियों ने ही मतदान किया था।
जलसंकट से परेशान ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार किया।
टिकरिया और उमरिया में सुबह दस बजे तक मतदान नहीं हो पाया है। टिकरिया में जलसंकट से परेशान ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार कर दिया। साथ ही, उमरिया गांव के ग्रामीण क्षेत्र अंडई में खरमेर नदी पर बनने वाले बांध का लोग विरोध कर रहे हैं और लोकसभा चुनाव में भाग नहीं लेंगे। चुनाव बहिष्कार करने वाले गांवों में सुबह से ही अधिकारी डटे हुए हैं और लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
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